swami-faceस्थूल एवं सूक्ष्म उपाधियों की दृष्टि से ईश्वर और जीव में भेद है, परन्तु सत्स्वरूप की दृष्टि से केवल एक ही वस्तु है, अर्थात उन दोनों में कोई भेद नहीं है। इस एक स्थूल शरीर को ही मैं समझने के कारण जीव अल्प शक्तिमान हो जाता है क्योंकि किसी भी शरीर की शक्ति अल्प ही हो सकती है। उसी प्रकार एक ही मन (सूक्ष्म शरीर के साथ) तादात्म्य होने से वह अल्पज्ञ हो जाता है। किसी भी जीव का मन अथवा बुद्धि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को नहीं जान सकती।
हरि ॐ !

Menu
WeCreativez WhatsApp Support
व्हाट्सप्प द्वारा हम आपके उत्तर देने क लिए तैयार हे |
हम आपकी कैसे सहायता करे ?