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राग के पश्चात अपनापन बनाने के बाद जो भाव पैदा होता है उसका नाम है ‘भक्ति’। भक्ति के मूल में अपनापन होता है। प्रेम के मूल में अपनापन होता है । ‘कोई मेरा है’ यह भाव पैदा होता है ।