स्वामी अभयानंद जी महाराज की वेबसाइट में आपका हार्दिक स्वागत हे.
+919773591673
WhatsApp Share
विशुद्ध-चित्त, आत्म-ज्ञानी, मन से जिन-जिन लोकों की भावना करता है और जिन-जिन भोगों को चाहता है, वह उन्हीं-उन्हीं लोकों और उन्हीं-उन्हीं भोगों को प्राप्त कर लेता है।
हरि ऊँ !