स्वामी अभयानंद जी महाराज की वेबसाइट में आपका हार्दिक स्वागत हे.
+919773591673
WhatsApp Share
ब्रह्म, जीव और जगत् मूलतः अभेद हैं इसका ज्ञान उत्पन्न होने पर जगत् जीव में तथा जीव ब्रह्म में लीन हो जाता है। इन तीनों में वास्तविक अभेद होने पर भी अज्ञान के कारण जीव, जगत् को अपने से पृथक् समझता है।
हरि ऊँ !