ezimba_new_lo

इस नश्वर जगत में तो सूर्य, चन्द्रमा, आदि का जड़ प्रकाश है । अग्नि में लोहा डालने पर जिस प्रकार लोहे का स्वरूप अग्नि जैसा हो जाता है, उसी प्रकार यदि संसार ब्रह्म के प्रकाश में सराबोर होता, तो वह भी ब्रह्मस्वरूप हो जाता किन्तु यथार्थ में ऐसा नहीं है ।

हरि ऊँ !

Menu
WeCreativez WhatsApp Support
व्हाट्सप्प द्वारा हम आपके उत्तर देने क लिए तैयार हे |
हम आपकी कैसे सहायता करे ?