परमात्मा के ज्ञान से मोक्ष होता है और परमात्मा के अज्ञान से जीव अपने को भोक्ता मानकर बँधा हुआ रहता है, और इसीसे जिसके साथ वह बँधा हुआ है उस बँधने वाले को और जिससे बँधा हुआ है उसका – दोनोँ का संचालन, दोनोँ का नियन्त्रण ईश्वर करता है।
हरि ॐ !