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‘ज्ञान’ और ‘प्रज्ञा’ ये दोनों मनुष्य के भीतर की दो संबद्ध शक्तियां हैं । ‘ज्ञान’ एक निश्चित माध्यम में देखा और जाना हुआ सत्य है जबकि ‘प्रज्ञा’ आत्मा का दिव्य दर्शन कराती है ।
हरि ऊँ !