ज्ञानभूमिः शुभेच्छाख्या प्रथमा परिकीर्तिता।
विचारणा द्वितीया स्यात्तृतीया तनुमानसा।।
सत्त्वापत्तिश्चतुर्थी स्यात्ततोऽसंसक्तिनामिका।
पदार्थाभावनी षष्ठी सप्तमी तुर्यगा स्मृता।।
शुभेच्छा, (सु)विचारणा, तनुमानसा, सत्वापत्ति, असंसक्ति, पदार्थाभावनी और तुर्यगा, ज्ञान की ये सात भूमिकायें बताई गई हैं।
हरि ऊँ !
Post Views:
2,172
लोग इन करे
कोन ऑनलाइन हे ?
There are no users currently online