स्वामी अभयानंद जी महाराज की वेबसाइट में आपका हार्दिक स्वागत हे.
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यह शरीर और आत्मा मिली हुई है कई कई जन्मों से। जड़ और चेतन मिला हुआ है। आप विचार करके चेतन को पकड़ लो और जड़ को छोड़ दो। विचार करके आत्मा को शरीर से अलग कर लो। इसे जो कर सके वही साधक। हरि ॐ !