मन, बुद्धि, चित्त. अहंकार आदि दृश्य हैं, अतः जड. हैं, परिवर्तनशील हैं। उनसे तादत्म्य होने के कारण ही हम जीव हैं और जीव के धर्मों से युक्त होते हैं।
हरि ॐ!