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हमारी यह आत्मा, शरीर रूपी रथ पर सवार है। हमारी बुद्धि सारथी है, हमारा मन लगाम है। हमारी इन्द्रियाँ घोड़े हैं। इस जगत के विषय कार्य क्षेत्र हैं, इन्द्रियाँ और मन सहित आत्मा भोक्ता हैं।