माया के दो कार्य (शक्तियां) हैं –
(१) आवरण (२) विक्षेप
(१) आवरण – इसका अर्थ है पर्दा , जो दृष्टि में अवरोधक बन जाय जिसके कारण वास्तविकता दिखायी न दे। माया की आवरण शक्ति परमात्मा के ज्ञान में अवरोधक बन जाती है। आवरण बुद्धि और आत्म तत्त्व के बीच आता है।
(२) विक्षेप – माया की यह शक्ति भ्रम पैदा करती है। यह विज्ञानमय कोश में स्थित रहती है। यह सूक्ष्म शरीर से लेकर ब्रह्मांड तक संसार की रचना करती है। संसार के सारे व्यवहार इसी के कारण होते हैं।
हरि ऊँ!
Post Views:
2,203
लोग इन करे
कोन ऑनलाइन हे ?
There are no users currently online