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ॐ यह अक्षर ही सब कुछ है। यह जो कुछ भूत, भविष्यत् और वर्तमान है उसी की व्याख्या है; इसलिए यह सब ॐकार ही है। इसके सिवाय अन्य जो कुछ त्रिकालातीत है वह भी ॐकार ही है।