ezimba_new_lo
दुःख जीवन का अन्तिम सत्य नहीं, मिथ्या धारणा मात्र है, जो अज्ञानवश उत्पन्न होती है। ज्ञान की प्राप्ति होने पर सभी दुःखों का अन्त हो जाता है और परमानन्द का बोध क्योंकि आत्मा स्वयं आनन्द स्वरुप है।
हरि ऊँ !

Menu
WeCreativez WhatsApp Support
व्हाट्सप्प द्वारा हम आपके उत्तर देने क लिए तैयार हे |
हम आपकी कैसे सहायता करे ?