स्वामी अभयानंद जी महाराज की वेबसाइट में आपका हार्दिक स्वागत हे.
+919773591673
मुख्य पेज
हमारे बारे में
समाचार
फोटो गैलरी
वीडियो गैलरी
सहयोग दे
संत परिचय
हमारा मिशन
इवेंट
चैरिटी
ऑडिओ सुने
E-Books (ई-पुस्तकें)
संपर्क
WhatsApp Share
प्रवृत्तौ जायते रागो निर्वृत्तौ द्वेष एव हि।
निर्द्वन्द्वो बालवद् धीमान् एवमेव व्यवस्थितः॥
(प्रवृत्ति में राग होता है, निवृत्ति में द्वेष होता है इसीलिए बुद्धिमान पुरुष बालक की भांति द्वन्द रहित होकर जैसे हैं उसी भाव में स्थित रहते हैं
।)
Post Views:
2,091
लोग इन करे
Username
Password
Remember Me
कम्युनिटी सदस्य
Newest
|
Active
Aara Groups
Active 2 weeks, 6 days ago
कोन ऑनलाइन हे ?
There are no users currently online
Menu
व्हाट्सप्प द्वारा हम आपके उत्तर देने क लिए तैयार हे |
हम आपकी कैसे सहायता करे ?