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प्रेम का एक स्वभाव है कि जब प्रेम दिल में उमड़ता है तो ज्ञान को किनारे कर देता है। बस एक ही चीज है कि ये जो प्रेम का अतिरेक है, बहाव है, उफान है, स्थायी नहीं होता है। अगर स्थाई हो जाये तब तो बेडा पार। हरि ॐ !