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इस संसार में हर वस्तु तीन चीजों से सीमित है। सीमित शब्द को शास्त्र में परिछिन्न शब्द से संबोधित करते हैं। परिछिन्नता का अर्थ सीमित होना है। यहाँ पर जितनी भी वस्तु हमें दिखाई पड़ेगी, वह सबकी सब तीन चीजों में सीमित हो रही है।……………………देश की सीमा, ……….काल की सीमा……… और………वस्तु की सीमा……..। 
हरि ॐ ! 

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