सांख्य दर्शन अनुसार सम्पूर्ण जगत् दो प्रकार के तत्वों का समन्वय है – एक पुरुष दूसरा प्रकृति । पुरुष नामक चेतन तत्व को दो रूपों में प्रस्तुत किया गया है-(१) ईश्वर अथवा ब्रह्म (२) जीवात्मा।
(१) ईश्वर व्यक्ति रूप से एक है । वह जगत का अधिष्ठाता व नियंता है और
(२) जीवात्मा परिछिन्न, अल्पज्ञ और संख्या की दृष्टि से अनंत है।
प्रकृति के अन्तर्गत पांच ज्ञानेन्द्रियां, पांच कर्मेन्द्रियां,पांच तन्मात्रायें, पंच महाभूत और अन्तःकरण चतुष्टय ये 24 तत्व आते हैं।
हरि ॐ!
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