Swami Abhayanand Saraswati Ji Maharaj
आत्मा ही सत्य है, इसके अतिरिक्त जो भी दृश्य है या परिलक्षित है, वह सब मिथ्या है। चिर सत्य एवं मिथ्या का विवेक ही तत्व के विवेक की पराकाष्ठा है।
हरि ॐ !
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